बंगाल के शाही नवाब The Nawabs of Bengal

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The Nawabs of Bengal : हमने अक्सर लोगों से यह कहते हुए सुना है कि बहुत बड़े नवाब हो गए हो क्या, तो आखिर कौन थे वो नवाब जिनके वजह से उन लोगों को जो खुद को स्मार्ट होना दिखाते हैं लोग आज भी उनको नवाब होने की संज्ञा देते है तो चलिए आज बंगाल के नवाबों के बारे में रोचक तथ्य क्रमानुसार देखते हैं:


1. मुर्शिद कुली खान (1717–1727)

  • बंगाल के पहले स्वतंत्र नवाब (The Nawabs of Bengal) थे, जिन्होंने मुगल साम्राज्य से अलग होकर अपनी सत्ता स्थापित की।
  • उन्होंने राजधानी ढाका से मुर्शिदाबाद स्थानांतरित की और भू-राजस्व प्रणाली (जमींदारी) को सुधारा।
  • अपने समय में उन्हें “जाफर खान” की उपाधि मिली थी।

2. शुजा-उद-दीन मुहम्मद खान (1727–1739)

  • मुर्शिद कुली खान का दामाद था और उसने बंगाल के साथ-साथ उड़ीसा और बिहार को भी अपने अधीन किया। (The Nawabs of Bengal)
  • उसके शासनकाल को बंगाल में “शांति और समृद्धि का युग” माना जाता है।

3. सरफराज खान (1739–1740)

  • शुजा-उद-दीन का बेटा था, लेकिन वह केवल एक वर्ष तक ही शासन कर पाया।
  • उसे अलीवर्दी खान ने 1740 में गिरिया के युद्ध में हराकर सत्ता छीन ली। (The Nawabs of Bengal)
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4. अलीवर्दी खान (1740–1756)

  • उसने मराठों के आक्रमणों (बर्गी लूट) का सामना किया और उन्हें बंगाल से खदेड़ने में सफल रहा।
  • अपने पूरे शासनकाल में उसने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को नियंत्रण में रखा, लेकिन उनकी ताकत को पहचान लिया था। (The Nawabs of Bengal)

5. सिराज-उद-दौला (1756–1757)

  • अलीवर्दी खान का पोता और अंतिम स्वतंत्र नवाब।
  • कालकोठरी (ब्लैक होल) घटना (20 जून 1756) और प्लासी का युद्ध (1757) उसके शासनकाल में हुए।
  • मीर जाफर के विश्वासघात के कारण प्लासी में अंग्रेजों से हार गया और मारा गया।
  • (The Nawabs of Bengal)

6. मीर जाफर (1757–1760, दूसरी बार 1763–1765)

  • प्लासी के युद्ध में अंग्रेजों का साथ देकर सत्ता हासिल की, इसलिए उसेगद्दार नवाबकहा जाता है।
  • ब्रिटिशों के हाथों कठपुतली बन गया और उसने कंपनी को भारी धन व सुविधाएँ दीं।
  • दूसरी बार शासन करने पर उसने बक्सर के युद्ध (1764) में अंग्रेजों की मदद की। (The Nawabs of Bengal)

7. मीर कासिम (1760–1763)

  • मीर जाफर के दामाद ने अंग्रेजों के विरुद्ध बक्सर का युद्ध (1764) लड़ा, लेकिन हार गया।
  • उसने मुंगेर को अपनी राजधानी बनाया और सेना को आधुनिक बनाने की कोशिश की।
  • अंग्रेजों के साथ संघर्ष के दौरान बंगाल का खजाना लूटा गया, जिससे कंपनी की ताकत बढ़ी। (The Nawabs of Bengal)

8. नजीमुद्दीन अली खान (1765–1766)

  • मीर जाफर के बेटे को अंग्रेजों ने नवाब बनाया, लेकिन वह पूरी तरह कंपनी का मोहरा था।
  • उसके शासनकाल में दीवानी अधिकार (1765) ब्रिटिशों को मिल गए, जिससे बंगाल पर उनका नियंत्रण स्थायी हो गया। (The Nawabs of Bengal)
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9. नजाबत अली खान (1766–1770)

  • अंग्रेजों के समर्थन से सत्ता में आया, लेकिन उसका शासन अकाल और आर्थिक संकट से जूझता रहा।
  • 1770 के महा अकाल (Great Bengal Famine) में लाखों लोग मारे गए। (The Nawabs of Bengal)

10. अशरफ अली खान (1770–1773)

  • उसका शासनकाल छोटा और अशांत रहा। अंग्रेजों ने उसे हटाकर मुबारक अली खान को नवाब बनाया। (The Nawabs of Bengal)

11. मुबारक अली खान II (1773–1793)

  • उसने कलकत्ता में रहना शुरू किया और अंग्रेजों के अधीन एक प्रतीकात्मक नवाब बनकर रह गया।
  • 1793 में स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) लागू हुआ, जिससे जमींदारों को अधिकार मिले। (The Nawabs of Bengal)

12. बाबर अली खान (1793–1810)

  • उसने औपचारिक रूप से ब्रिटिश पेंशन स्वीकार की और नवाबी का खिताब केवल नाममात्र का रह गया।

13. मंसूर अली खान (1838–1880)

  • बंगाल के अंतिम नवाब थे। 1880 में उन्होंने नवाबी उपाधि त्याग दी और पद से इस्तीफा दे दिया।
  • उनके बाद बंगाल पर सीधा ब्रिटिश शासन स्थापित हो गया।

रोचक तथ्य:

  • प्लासी का युद्ध (1757) को भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव माना जाता है।
  • बक्सर का युद्ध (1764) के बाद बंगाल, बिहार, और उड़ीसा पर कंपनी का पूर्ण नियंत्रण हो गया।
  • दीवानी अधिकार (1765) से अंग्रेजों को बंगाल की राजस्व वसूली का अधिकार मिला, जिससे वे आर्थिक रूप से सबसे शक्तिशाली बन गए।

निष्कर्ष

यह क्रम बंगाल के नवाबों के उत्थान और पतन को दर्शाता है, जिसमें अंग्रेजों ने धीरे-धीरे उनकी सत्ता को खत्म कर दिया।

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